पुत्रेष्टि यज्ञ – उत्तम संतान हेतु
बसंत ऋतु का हमारे खगोल शास्त्र में बड़ा महत्व बताया गया है। भगवत् गीता में भी ऋतुराज बसंत को अपनी विभूति बताते हुए भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है-
॥ ऋतुनां कुसुमाकर: ॥
अर्थात ऋतुओं में मैं बसंत हूं। ऐसी बसंत ऋतु में पुत्रेष्टि यज्ञ करके विरेचन एवं सर्जन जैसी क्रिया करके हम उत्तम संतति हेतु प्रयत्न कर सकते हैं।
उत्तम एवं दिव्य गुण युक्त संतती हेतु आयुर्वेद में बहुत उपाय बताए गए हैं। जिसमें दिव्य आत्मा अवतरण, प्रार्थना, मंत्र, अभिमंत्रित जल को पीना, विभिन्न रत्न धारण करना, सत साहित्य का पठन जैसे अनेक मार्ग है। ऐसे सारे मार्गो की प्रायोगिक उपायों के साथ की जानकारी दे एसी गर्भ विज्ञान एवं संस्कार शिविर और यज्ञ का आयोजन संस्कृति आर्य गुरुकुलम् द्वारा राजकोट में हो रहा है। इसमें निम्न लिखित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- उत्तम संतति हेतु पुत्रेष्टि यज्ञ एवं उसका महत्व, दिव्य आत्मा अवतरण का संकल्प
- गर्भाधान के इस वर्ष के सभी उत्तम समय, विभिन्न प्रकार के ध्यान
- गर्भावस्था पूर्व में आहार, औषध, गर्भाधान किस अवस्था में न करे उसकी पूरी जानकारी
- दंपति का नाडी निदान, एवं व्यक्तिगत चिकित्सा, गर्भावस्था पूर्व और गर्भावस्था में मंत्र उच्चार
- नाद ब्रह्म संगीत की विशेष चिकित्सा, गर्भ संस्कार एवं पंचकोश विकास
- गर्भावस्था की विविध कहानियां एवं खेल
इसके अलावा घर पर कर सके एसी शरीर शोधन, विरेचन की पद्धति, स्नेहन, स्वेदन इत्यादि और घर पर होने वाले औषध उपचार के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिविर प्रशिक्षण शुल्क
एक व्यक्ति : 3,000/-
दंपति : 5,000/-
5 से 15 साल तक के बच्चे : 1,000/-
शिविर शुल्क जमा करने के लिए जरुरी जानकारी
- खाते का नाम: Sanskruti Sanvardhan Sansthanam A/C Mantra Aushadhi
खाता क्रमांक: 624801050387
- IFSC: ICIC0006248
- ब्रांच: ICICI Bank -Rajkot
शिविर शुल्क जमा करने का अन्य विकल्प
आप निचे दिए UPI से भी शिविर का शुल्क जमा करवा सकते है।
UPIgurukulpayments@icici
शिविर का जरुरी शुल्क जमा करवा कर +91 8686 6161 41 नंबर पर स्क्रींशॉट जरुर भेजे।
शिविर दिनांक : ११-१२-१३ फरवरी २०२२
ट्रेन टिकट राजकोट जंक्शन की करवाए
रेल्वे स्टेशन और एरपोर्ट से शिविर स्थल २५ कि.मि. की दूरी पर है। आपकी सुविधा के लिए रिक्षे वाले का नंबर दिया जाएगा।