Net Volume : 200 Ml.
विशेष :
सिरप में चीनी का उपयोग किया जाता है, जो शरीर के लिए हानिकारक है । जब की इस सिरप में प्राकृतिक खड़ी शक्कर का उपयोग क़िया गया है, जिसका कोई हानिकारक प्रभाव ना होने से निर्भयता से ली जा सकती है ।
आयुर्वेद के विविध ग्रंथों में शक्ति (उर्जा) को अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है क्योंकि किसी भी प्रकार का कार्य शक्ति (उर्जा) के बिना असंभव है । प्रत्येक कार्य होने में किसी ना किसी रुप में शक्ति का उपयोग होता ही है । किसी भी प्रकार का कार्य करने के कारण, किसी प्रकार की बीमारि के कारण या अत्याधिक परिश्रम करने के कारण हमारी शक्ति का ह्रास हो जाता है । ऐसी परिस्थिति में तुरंत शक्ति की आपूर्ति करना अत्यंत आवश्यक होता है । आयुर्वेद के ग्रंथों में बहुत औषधियाँ बताई गई है, जो प्राकृतिक रुप से शरीर में शक्ति का संचार करती है और स्थिर रुप में बनी रहती है । पूज्य गुरुजी ने विविध आयुर्वेदिक औषधियों पर प्रयोग करके खास चुनी हुई औषधियों को प्राकृतिक खड़ी शक्कर के साथ मिश्रण करके “शक्तिवर्धक सिरप” तैयार किया है ।
Various ayurvda texts have called strength (shakti) or energy (oorja) as very important as no task is possible without strength or energy. Strength is used in one form or the other for every single task and activity. Because of doing any kind of work, any disease or excess work cause our strength and energy to deplete. In such a situation, strength needs to be reinstated quickly. Ayureda describes many medicines which provide natural energy and strength to the body and stay permanently. Pujya Guruji has combined specially selected ayurvedic medicines with organic sugar or khadi shakkar and created ‘shaktivardhak syrup.
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