Net Volume : 100 Ml.
विशेष :
बाज़ार में उपलब्ध गुलाब जल cold storage में रहे गुलाब से बनाता है, किन्तु संस्कृति आर्य गुरुकुलम् ने ताजा एवं पूर्ण पक्व गुलाब को लेकर यह गुलाब जल बनाया जाता है ।
आयुर्वेद के लगभग सभी ग्रंथो में गुलाब की महत्ता बताई गई है, ऐसे गुलाब में भी चैत्र मास का गुलाब सर्वश्रेष्ठ मान गया है । चैत्रीय गुलाब को इकठ्ठा करके उसका तीन प्रहर तक अर्क निकाला जाता है, यह शास्त्रीय गुलाबजल है । गुलाबजल बनाने की संपूर्ण विधि अर्क प्रकाश नमक ग्रंथ में बताई गई है, उस विधि से बनाने से गुलाबजल अधिक गुणकारी बन जाता है । औषधि के ३ स्वरुप उपयोगिता के स्तर पर किये जाते है, उसमें औषधियों का प्रवाही स्वरुप अर्क के रुप में उपयुक्त होता है, जो औषध का सार कहा जाता है । गुलाब का ऐसा सार ही गुलाबजल के रुप में प्रयुक्त होता है ।
Almost all of ayurveda’s texts have described the important of rose. Among roses as well, the ones reared in the month of ‘chaitra’ are considered the best. Shastriya gulabjal is prepared by mixing khadi shakkar in Chaitra month reared roses, the ark is extracted for three prahars or 9 hours. The complete process of making gulabjal is narrated in ‘ark prakash’ grantha. Gulabjal prepared using this method is considered ideal.
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