Our Inspiration

संस्था के प्रेरक एवं पथप्रदर्शक
परम पू. श्री विश्वनाथ शास्त्रीजी दातार गुरूजी “ संस्कृति संवर्धन संस्थानम् ” के प्रेरणास्रोत हैं, आपने गुरुकुल शिक्षा व्यवस्थाके ऊपर प्रायः ६० वर्षो तक अविरत कार्य किया तथा आचार्य केंद्रित गुरुकुल के स्वप्नदृष्टा और शिल्पी बने आपने न्याय दर्शन, व्याकरणशास्त्र, वेदांत, आयुर्वेद, अर्थशास्त्र आदि अनेक कठिन विषयो पर प्रभुत्व प्राप्त करके ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ अपना ज्ञान जन जन तक पहुंचाने के लिए अनेक प्रकल्प दिए ।
आपने चाणक्य अर्थशास्त्र के ऊपर व्याख्या भी लिखी ।अपने जीवनकाल दरमियान आपने अनेक विद्वान्शिष्य तैयार किये।
संस्थाके वर्तमान अध्यक्ष : श्री मेहूल भाई
पूजनीय गुरुवर्य श्री विश्वनाथ शास्त्री दातार के अग्रगण्य शिष्य मेहूल भाई आचार्यजी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली का प्रचार प्रसार कर रहे हैं । श्री मेहूल भाई ने ११ वर्षो तक गुरुवर्य के सान्निध्यमे रह कर न्याय दर्शन, व्याकरण शास्त्र, वेदांत, आयुर्वेद, अर्थशास्त्र, भगवतगीता, उपनिषद, वेद, संगीत, ज्योतिष, आदि शास्त्रों पर अध्ययन किया।
अध्ययन करने के बाद प्रायः २००८ से भारत वर्ष के विभिन्न गुरुकुल मे आचार्य के रूप मे कार्यकिया । वर्तमानमें समग्र भारतवर्ष मे गुरुकुल शिक्षा प्रणाली तथा आयुर्वेद जैसे अनेक विषयो पर व्याख्यान, प्रवचन, वर्क-शॉप ले रहे हैं तथा संस्कृति आर्य गुरुकुलम के मैनेजिंग ट्रस्टी हैं |
संस्थाके वर्तमान अध्यक्ष : जिज्ञासा आचार्या
जीन्होने 5 वर्षों तक गुरुकुल शिक्षाके अनुसार रामायण, भगवतगीता, महाभारत, इतिहास, आदि विषयोंका ज्ञान प्राप्त किया व M.A. M.Phil.साहित्यकार (हिंदी व गुजराती भाषामें) पूराकिया।
पिछले 7 वर्षों से भारतके विविध स्थानों पर सेमिनार ले रहे है , जिसमे रसोईघर की औषधीया, गृह-परिवार शिक्षा, रामायण, भगवतगीता, महाभारतपर 3 से 7 दिनोंके सत्रका आयोजन, महिला शक्ति शिविर जीवनसंध्या कार्यक्रम, गर्भसंस्कार तथा महिलाओंके लिए अनेक कार्यक्रम कर रहे है ।
इन्होंने 300 से अधिक गीत व 200 से अधिक लघुकथाएं लिखी है व विविध गुरुकुलों में सेवाएं दी है अनेक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है।