गृहस्थाश्रम चार आश्रमों में से सबसे महत्व पूर्ण आश्रम है।
गृहस्थाश्रम में रहकर भी व्यक्ति अपना भौतिक अध्यात्मिक विकास कर सकता है, अध्यात्मिक विकास के लिए विविध आयाम।
गृहस्थाश्रम में पति और पत्नी में प्रेम से समर्पण भाव से रहने की कला गृहस्थाश्रम के संस्कार एवं दायित्यो का परिवहन करने के लिए सरल सुबोध भाषा में शिबीर, सेमिनार, वर्कशॉप।